‘विष्णुधर्मोत्तरपुराण’ एवं अशोकमल्ल के ‘नृत्याध्याय’ में उल्लेखित अंगहारों का तुलनात्मक अध्ययन

‘viṣṇudharmōttarapurāṇa’ ēvaṁ aśōkamalla kē ‘nṛtyādhyāya’ mēṁ ullēkhita aṅgahārōṁ kā tulanātmaka adhyayana

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Title

‘विष्णुधर्मोत्तरपुराण’ एवं अशोकमल्ल के ‘नृत्याध्याय’ में उल्लेखित अंगहारों का तुलनात्मक अध्ययन

‘viṣṇudharmōttarapurāṇa’ ēvaṁ aśōkamalla kē ‘nṛtyādhyāya’ mēṁ ullēkhita aṅgahārōṁ kā tulanātmaka adhyayana

Publisher

The Department of Indian Music
School of Fine & Performing Arts
University of Madras, Chepauk
Chennai, Tamil Nadu, India - 600 005

Date

December 2023

Format

Portable Document Format

Language

Hindi

Type

Article

Alternative Title

Comparative study of the Angharas mentioned in 'Vishnudharmottarpuran' and Ashokmalla's 'Nrityadhyaya'

Abstract

'अंगहार' भारतीय शास्त्रीय नृत्य के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण विषय है । जिसका सरासर मतलब हस्त तथा पद संचालन का एकत्रित रूप होता है । 'विष्णुधर्मोत्तर पुराण' के तीसरे खण्ड में संख्या 20 से 35 तक के 15 अध्याय हैं, जो नृत्य कला पर केंद्रित हैं। पुराण में इन अध्यायों को नृत्त सूत्रम् कहा गया है । यह पुराण नाट्यशास्त्र और उसके बाद के नृत्य ग्रंथों के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी का कार्य करता है। भारतीय शास्त्रीय नृत्य के लक्षण ग्रंथों में एक और महत्वपूर्ण कृति 'नृत्याध्याय' है, जिसे 14वीं या 15वीं सदी के आस-पास सम्राट अशोकमल्ल के द्वारा रचा गया था । इन दोनों में से प्रत्येक ग्रंथ नृत्य शास्त्र के शास्त्र के बारे में विस्तार से चर्चा करता है। ये पुस्तकें भारतीय शास्त्रीय नृत्य के लक्षण ग्रंथ के रूप में प्रतीत हैं, इसलिए अलग-अलग सदियों में रचे गये इन ग्रंथों की तुलना करना तथा इन के विभिन्न पाठों का अध्ययन करना नृत्य के अभ्यासकों के लिये महत्वपूर्ण है। जिससे की पूर्व काल में अलग अलग शतकों में नृत्य संबंधी बदलावों को जाना जा सके और इनका स्वरूप स्पष्ट हो सके । इस अनुसंधान पत्र का उद्देश्य है इन दोनों ग्रंथों में उल्लेखित 'अंगहारों ' का तुलनात्मक अध्ययन करना। जिससे की विष्णुधर्मोत्तर पुराण और अशोकमल्ल के 'नृत्याध्याय' में विदित अंगहारों की समानताओं तथा विषमताओं का सविस्तर अध्ययन किया जा सके । नृत्य के आदिम ग्रन्थ नाट्यशास्त्र और वर्तमान नृत्य पद्धति को जोड़ने के लिये विभिन्न कालखण्डों में लिखे गये इन दोनों ग्रन्थों का तुलनात्मक एवं विश्लेषणात्मक अध्ययन आवश्यक है ।

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Citation

Vedangi Dandekar, “‘विष्णुधर्मोत्तरपुराण’ एवं अशोकमल्ल के ‘नृत्याध्याय’ में उल्लेखित अंगहारों का तुलनात्मक अध्ययन

‘viṣṇudharmōttarapurāṇa’ ēvaṁ aśōkamalla kē ‘nṛtyādhyāya’ mēṁ ullēkhita aṅgahārōṁ kā tulanātmaka adhyayana,” Smṛti - A Bi-Annual Peer Reviewed Journal on Fine & Performing Arts , accessed November 7, 2025, https://smrti.omeka.net/items/show/71.